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माओवादी ‘‘संघषर्विराम’’ की स्थिति में वार्ता के लिए राजी

माओवादियों के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यदि दोनों पक्षों की तरफ से संघषर्विराम किया जाये और नक्सल प्रभावित राज्य में तैनात अर्धसैनिक बलों को हटा लिया जाये तो विद्रोही बातचीत के लिए तैयार हैं.

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सुरक्षा बलों द्वारा चलाये जा रहे अभियान के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे माओवादियों के एक वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को कहा कि यदि दोनों पक्षों की तरफ से संघषर्विराम किया जाये और नक्सल प्रभावित राज्य में तैनात अर्धसैनिक बलों को हटा लिया जाये तो विद्रोही बातचीत के लिए तैयार हैं.

समस्‍या से सहानुभूतिपूर्वक निपटे केंद्र
वरिष्ठ माओवादी नेता किशनजी ने कहा, ‘‘केन्द्र सरकार के साथ बातचीत की प्रक्रिया तभी शुरू की जा सकती है जब दोनों पक्षों में संघषर्विराम हो.’’ केन्द्र द्वारा माओवादियों से बातचीत के पहले हिंसा का रास्ता त्यागने की सलाह के बारे में पूछने पर किशनजी ने बताया, ‘‘केन्द्र माओवादियों से निपटने के नाम पर निर्दोष लोगों को मार रहा है तथा वे हमसे हिंसा त्यागने को कह रहे हैं, जो हास्यास्पद है.’’ उन्होंने कहा कि केन्द्र को सात राज्यों आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से अर्ध सैनिक बल हटाने चाहिए और आदिवासियों की समस्या को सहानुभूतिपूर्वक निपटाना चाहिए.

माफी मांगें केंद्र और राज्‍य सरकारें
किशनजी ने कहा, ‘‘केन्द्र एवं राज्य सरकारों, दोनों को आदिवासियों से उनके साथ किये गये अत्याचार के लिए माफी मांगनी चाहिए जिसके कारण आजादी के समय से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.’’ यह पूछे जाने कि माफी का स्वरूप क्या होना चाहिए किशनजी ने अधिक जानकारी दिये बिना कहा, ‘‘उन्हें आदिवासियों के पास आना पड़ेगा और माफी मांगनी पड़ेगी.’’

लोग अब सरकारी वादों से ऊब चुके हैं
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा बुधवार को आदिवासियों के दिलों को जीतने के बारे में कही गई बातों पर किशनजी ने कहा, ‘‘यह सिर्फ धोखा है.’’ प्रधानमंत्री ने कहा था कि आदिवासियों का वर्षों से शोषण हो रहा है और वह सामाजिक एवं आर्थिक भेदभाव के शिकार हैं. किशनजी ने कहा कि आजादी के बाद से राजनीतिक नेता वही बात कहते रहे हैं जो प्रधानमंत्री ने कही लेकिन कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हम इसका अंत चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर सरकार सोचती है कि लोगों और उनकी समस्याओं के बारे में बात करना देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना है तो ऐसा ही है.’’ पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पश्चिमी मिदनापुर जिले का दौरा कर तीन जिलों में आदिवासी इलाकों के विकास के लिए 1600 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने वाले हैं. इस बारे में पूछने पर किशनजी ने कहा, ‘‘इलाके के लोग इस तरह के वादों से उब चुके हैं. राज्य सरकार ने पिछले 33 वर्षों में जो किया है उसे सब लोग जानते हैं.’’

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